द जनमित्र डेस्क
आरा में मंगलवार को स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और गैंगस्टर चंदन मिश्रा हत्याकांड के तीन आरोपियों के बीच मुठभेड़ की खबर ने सनसनी मचा दी। इस मुठभेड़ में दो बदमाश, बलवंत और रवि रंजन, पुलिस की गोली से घायल हो गए, दोनों के पैरों में गोली लगी। तीसरा आरोपी, अभिषेक, धर दबोचा गया। घायल बदमाशों को पटना के PMCH में पुलिस हिरासत में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
बलवंत की मां शुभावती देवी ने सिसकते हुए कहा, “मेरा बेटा स्वभाव से अच्छा था, लेकिन गलत संगत ने उसे इस रास्ते पर धकेल दिया।”
उन्होंने बताया कि चंदन की हत्या से 10 दिन पहले बलवंत घर से निकला था। उसने कहा था कि बाबा बागेश्वर धाम जा रहा है और 10-12 दिन बाद लौटेगा। शुभावती ने कहा, “उस दिन उसने फोन पर बात की थी। फिर टीवी पर उसे बंदूक थामे देखा। पिछले 2-3 महीनों से उसका व्यवहार बदला-बदला था। छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाता था। हम डर के मारे चुप रहते थे, ताकि वो कुछ गलत न कर दे।”
बलवंत अक्सर दिन-रात फोन पर बात करता रहता था, लेकिन किसी को कुछ बताता नहीं था। मां ने कहा, “हमें डर था कि कहीं वो गलत रास्ते पर न चला जाए। उसकी हरकतों से इज्जत पर आंच न आए, इसलिए हम चुप रहते। वो बिना बताए घर से गायब हो जाता, पूछो तो चिल्लाने लगता। उसने कहा था कि अयोध्या, मथुरा, और बागेश्वर धाम घूमने जा रहा है।”
बलवंत के पिता जंग बहादुर सिंह ने बताया, “जब सुना कि उसे गोली लगी है, तो थोड़ी राहत मिली। कम से कम वो पुलिस की हिरासत में सुरक्षित है।” चंदन की हत्या के बाद सीसीटीवी फुटेज देखकर वो डर गए थे। पटना प्रशासन ने उनके घर पर नोटिस चस्पा कर दिया था, जिसके बाद डर से वो घर छोड़कर कहीं और रह रहे थे।
जंग बहादुर ने कहा, “उसने हत्या वाले दिन सुबह 6 बजे किसी और के फोन से कॉल किया। पूछा कि आप ठीक हैं न? आवाज से तबीयत खराब लग रही थी। बोला, आएंगे तो डॉक्टर को दिखाएंगे। फिर फोन काट दिया। सुबह 9 बजे टीवी पर देखा कि उसके हाथ में बंदूक है। पता नहीं किस संगत में ये हाल हो गया।”
पिता ने बताया कि 12वीं पास करने के बाद बलवंत ने BA में दाखिला लिया था। उसे पैसा कमाने की जल्दी थी। वो कहता था कि ठेका लेकर काम करेगा और घर खर्च के लिए पैसे भेजेगा। “हमने कहा था कि हम भी साथ चलते हैं, पर उसने मना कर दिया। पिछले 3-4 महीनों से उसकी हरकतें बदल गई थीं,” पिता ने दुखी होकर कहा।
बलवंत तीन भाइयों में सबसे छोटा है। जंग बहादुर खेती करते हैं, जबकि उनके दो बड़े बेटे बाहर कंपनी में काम करते हैं। बलवंत ने निमेज हाई स्कूल से मैट्रिक और डुमरांव इंटर कॉलेज से इंटर पास किया था। BA में दाखिला लिया था, लेकिन उसका मन पढ़ाई में कम, जल्दी नाम कमाने में ज्यादा था।
गांव वालों ने कैमरे पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन बातचीत में बताया कि बलवंत बचपन से शांत था। ज्यादा मिलता-जुलता नहीं था, पर उसे फेमस होने की चाह थी। इसीलिए वो इंस्टाग्राम पर लगातार वीडियो डालता रहता था।
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