किसके संरक्षण में भू माफिया शहर के बीचोबीच अरबों की सरकारी जमीन पर कर रहे है कब्जा. आसानी से नगर परिषद से मिल रहा है सरकारी जमीन पर मकान बनाने का नक्शा.
द जनमित्र | डेस्क
बक्सर: जिले के भू माफियाओं का तार बिहार की राजधानी पटना से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक जुड़ा है. इस कारोबार में सिस्टम में बैठे सरकारी बाबू से लेकर कई सफेदपोश शामिल है. जिनके चुनाव लड़ने से लेकर अन्य सुख सुविधा के लिए ये माफिया पैसे को पानी की तरह बहाते है और उनके संरक्षण में करोड़ो की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं. यही कारण है कि अधिकारी ऐसे दबंगो पर हाथ डालने से भी डरते है.
गौशाला से लेकर तड़कनाला की जमीन पर हो गया कब्जा
शहर के रामरेखा घाट से लेकर बक्सर स्टेशन तक, दर्जनों ऐसे फर्जी समाज सेवी, भू माफिया, सरकारी बाबू एवं सफेद पोश राजनेता है, जिन्होंने सरकारी गौशाला से लेकर तड़कनाला के सरकारी जमीन पर कब्जा कर कटरा एवं आलीशान बिल्डिंग बनाकर प्रत्येक महीने लाखों रुपये की राजस्व की उगाही करते है. और समाज सेवा के आड़ में अपना निजी कारोबार कर रहे है.
कौन खेल रहा है यह पूरा खेल
सिंडिकेट नहर पर सड़क किनारे सब्जी बेचकर अपना जीवन यापन कर रही फुलेश्वरी देवी ने बताया कि एक साल पहले इसी सिंडिकेट नहर पर
हाड़ कंपा देने वाली ठंड में पत्थर कुटवा मोहल्ले के सैकड़ो गरीब परिवारों की झोपड़ी प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर उजाड़ दी. बर्बरता पूर्ण लाठी चार्ज कराई. जिस जगह पर गरीब परिवारों ने अपना अशियाना बनाया था वह मृत नहर का किनारा था. उसके बाद भी बुल्डोजर चलवाया गया. लेकिन शहर के बीचोबीच रामरेखा घाट से लेकर बक्सर स्टेशन तक, कई फर्जी समाजसेवी, सफेदपोश और भू माफियाओं ने करोड़ो की सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया है. वहाँ पहुँचने से पहले ही बुल्डोजर का तेल कैसे खत्म हो जाता है. इस बात को पूरा शहर जानता है.
सब पैसे का है खेल
सब्जी बेच रही महिला ने बताया कि बबुआ सब पैसा का खेल है. कौन-कौन पैसा लेता है यह किसी से छुपा हुआ नही है. प्रधानमंत्री आवास योजना में मेरी बहु का नाम आया था. पैसा देने के साथ ही घर पर आकर 20 हजार कमीशन ले लिया. लिखित शिकायत की थी, नगर परिषद के तत्कालीन महिला अधिकारी प्रेम स्वरूपम से उन्होंने जांच करने की बात कही तब तक उनका तबादला हो गया. उसी कार्यालय से न मकान बनाने का नक्शा मिला होगा. क्या बिना जांच के ही नक्शा दे दिया गया. सभी बात को सभी अधिकारी जानते और समझते है फीर भी चुप है.
गौरतलब है कि रामरेखा घाट के समीप तड़कनाला की जमीन पर वहाँ के दबंगो ने तो सिविल लाइन में नगर परिषद के ही सेवा निर्वित बड़ा बाबू ने करोड़ो की सरकारी जमीन पर कब्जा कर मकान बना ली है. उसके बाद भी किसी ने डकार नही ली.
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