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ऑपरेशन सिंदूर : बक्सर के सपूत ने दी शहादत

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द जनमित्र | शशि

बिहार के बक्सर जिले के चौसा प्रखंड के निवासी हवलदार सुनील कुमार सिंह (46) ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। ब से थोड़ी देर पहले उधमपुर के सैन्य अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी शहादत की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
सुनील कश्मीर के राजौरी में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत तैनात थे। 9 मई की रात पाकिस्तानी ड्रोन हमले में वे गंभीर रूप से घायल हो गए। प्राथमिक उपचार के बाद उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए 15 मई को उन्हें एयरलिफ्ट कर उधमपुर सैन्य अस्पताल ले जाया गया।

15 मई को जवान सुनील सिंह को एयरलिफ्ट कर उधमपुर सैन्य अस्पताल लाया गया था।

22 दिन तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद, आज दोपहर वे शहीद हो गए।
2002 में भारतीय सेना की ईएमई (इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स कोर) इकाई में शामिल हुए सुनील कुमार सिंह का योगदान अतुलनीय रहा। ईएमई यूनिट, जो हथियारों और उपकरणों के रखरखाव व मरम्मत का महत्वपूर्ण जिम्मा संभालती है, में उन्होंने पूरी निष्ठा से सेवा की। 2023 में उन्हें हवलदार के पद पर पदोन्नति मिली थी।
सुनील के परिवार में उनकी मां पावढारी देवी, जो रिटायर्ड प्रधानाध्यापक हैं, पत्नी, और दो बेटे—सौरभ (15) और कृषु (8) हैं। तीन भाइयों में सबसे बड़े सुनील के छोटे भाई अनिल खेती करते हैं, जबकि सबसे छोटा भाई चंदन भी सेना में सेवारत है।
शहीद का पार्थिव शरीर शुक्रवार देर शाम तक उनके पैतृक गांव चौसा पहुंचने की उम्मीद है। स्थानीय प्रशासन और सैन्य अधिकारी पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार की तैयारी में जुटे हैं। ग्रामीणों ने सरकार से शहीद के बलिदान को उचित सम्मान और परिवार को समुचित सहायता देने की मांग की है।

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