द जनमित्र | शशि
किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा ने पंचायत भवन, बनारपुर में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता शिवमुरत राजभर ने की और संचालन बृजेश राय ने किया। बैठक में भारतीय किसान यूनियन, बिहार प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। बृजेश राय, नंदलाल सिंह, इस्राइल खाँ, संतविलास पांडेय, नन्द कुमार राम, रामप्रवेश सिंह, नरेन्द्र तिवारी, ललितेश्वर राय सहित बड़ी संख्या में किसान, बेरोजगार नौजवान, महिला मजदूर और एसटीपीएल परियोजना से प्रभावित स्थानीय ग्रामीण शामिल हुए।




बैठक में चौसा थर्मल पावर प्लांट के कारण बढ़ते प्रदूषण और स्वास्थ्य संकट पर गंभीर चिंता जताई गई। वक्ताओं ने बताया कि प्लांट में अनिवार्य एफजीडी (फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन) सिस्टम, जिसकी लागत करीब 400 करोड़ रुपये है, अब तक स्थापित नहीं किया गया। यह सिस्टम सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए जरूरी है, और इसके अभाव में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के नियमों का उल्लंघन करते हुए घनी आबादी के बीच मालगाड़ी से कोयले की अनलोडिंग और डंफर में लोडिंग की जा रही है। इससे आसपास के गांवों में दमा, टीबी और आंखों की बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है।
एसटीपीएल कंपनी और उसकी सहयोगी पावर मेक पर स्थानीय ग्रामीणों को नजरअंदाज कर बाहरी लोगों को रिश्वत लेकर नौकरी देने का भी आरोप लगा। किसानों और मजदूरों ने संवैधानिक अधिकारों और 2013 के भूमि अधिग्रहण अधिनियम के उल्लंघन का मुद्दा उठाया, साथ ही प्रभावित ग्रामीणों, मजदूरों और महिलाओं पर फर्जी मुकदमे थोपने की बात कही, जिससे उनकी आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।
वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि कंपनी और प्रशासन ने किसानों व मजदूरों के अधिकारों का सम्मान नहीं किया और समस्याओं का तत्काल समाधान नहीं निकाला, तो निकट भविष्य में भीषण जनआंदोलन शुरू किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर एसटीपीएल कंपनी का संचालन ठप करने का निर्णय भी लिया गया, जिसका ऐलान अगली बैठक में होगा।
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