द जनमित्र | शशि
विजयदशमी के अवसर पर रावण दहन का आयोजन एक नया इतिहास रचते हुए संपन्न हुआ। पहली बार रावण और मेघनाथ के पुतलों से कोल्ड फायर निकला, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह तकनीकी नवाचार दर्शकों के लिए एक रोमांचक और अनोखा अनुभव साबित हुआ, जो परंपरा को आधुनिकता के साथ जोड़ता नजर आया।
पुतले बनाने वाले कारीगर जितेंद्र शर्मा ने बताया कि इस बार विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया गया। सबसे पहले मेघनाथ के मुकुट से इलेक्ट्रिक शॉर्ट के माध्यम से कोल्ड फायर निकला। इसके बाद रावण के मुकुट और मुंह से लगभग एक मिनट तक अग्नि का फव्वारा फूटता रहा। इस अनोखे प्रयोग के बाद परंपरागत तरीके से पुतलों में लगे पटाखों से धमाके हुए और रावण व मेघनाथ के पुतले जल उठे।
इस वर्ष रावण का पुतला करीब 45 फीट ऊंचा और मेघनाथ का 40 फीट का तैयार किया गया था। दहन से पहले राम-लक्ष्मण और रावण-मेघनाथ के बीच युद्ध के दृश्यों का जीवंत मंचन किया गया, जिसमें काफी देर तक युद्ध का प्रदर्शन हुआ। पहले मेघनाथ को मार गिराया गया और उसके पुतले का दहन किया गया, उसके बाद रावण का अंत हुआ और अंत में उसका पुतला जलाकर कार्यक्रम समाप्त हुआ।
हल्की बारिश की संभावना को देखते हुए आयोजन निर्धारित समय से करीब 10 मिनट पहले संपन्न करा दिया गया, लेकिन दर्शकों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। किला मैदान में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम को देखने के लिए शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों से दो लाख से अधिक लोगों की भीड़ उमड़ी। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए, जिसमें वॉच टावर और दर्शकों की आवाजाही के लिए आठ प्रवेश द्वार शामिल थे।
जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में रहा। जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह ने कहा, “रावण दहन का यह ऐतिहासिक आयोजन जिले के लिए गर्व की बात है। प्रशासन ने सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की पूरी तैयारी की थी, ताकि लोग सुरक्षित माहौल में त्योहार का आनंद उठा सकें। हमें खुशी है कि पूरा कार्यक्रम शांति और उल्लास के साथ संपन्न हुआ।”
वहीं, पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य ने बताया, “दशहरा के मौके पर जिलेभर में पुलिस बल की विशेष तैनाती की गई थी। बक्सर के ऐतिहासिक रावण दहन को लेकर सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता थी। हमारी टीम ने देर रात तक लगातार निगरानी रखी। इस दौरान कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।”
यह रावण दहन का भव्य आयोजन लोगों के लिए यादगार बन गया। पहली बार तकनीक के प्रयोग से निकले कोल्ड फायर, लाल धोती में सजे सिक्स पैक वाले रावण और विशाल भीड़ का दृश्य हर किसी को लंबे समय तक याद रहेगा। इस आयोजन ने बक्सर की विजयदशमी को एक नई ऊंचाई दी, जहां परंपरा और नवाचार का अनोखा संगम देखने को मिला।
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